मित्र दिवस-२०२१ (फ्रेंडशिप डे 2021) कब मनाया जाता है? | When is Friends Day-2021celebrated? - in Hindi | मित्रता दिवस -२०२१
मित्र दिवस-२०२१ or फ्रेंडशिप डे-2021
- मित्र दिवस हर साल हर अगस्त के पहले रविवार को आता है।
- अंतर्राष्ट्रीय मित्र दिवस उसी दिन है जैसा ऊपर बताया गया है।
- दोस्ती का जश्न मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य मित्रों, देशों, नेताओं और कई अन्य लोगों के बीच अधिक फलदायी संबंध बनाए रखना और बनाना है।
- ज्यादातर युवा इस दिन को मनाने के लिए बहुत उत्साहित होते हैं क्योंकि दोस्त हमारे पहले रिश्तेदार होते हैं जिनसे हम अपना दुख, सुख, तनाव आदि सब कुछ साझा कर सकते हैं।
- दोस्तों के बिना कोई भी इंसान कभी सफल नहीं हुआ।
- यह सच है कि "दोस्तों के बिना कोई अपना जीवन नहीं जी सकता"।
- केवल एक सच्चा दोस्त ही आपके साथ खड़ा होगा जब आपको वास्तव में जरूरत होगी।
- "दोस्ती करो तो ऐसी करो की दुश्मन
भी दोस्त बन्ने की दुवा मांगे"
Friendship Day Celebrations.
कहते की;
"ईमानदारी से निभा के कायम करो मिसाल दोस्ती की,
इसे अपने पूर्व जनम के कर्म ही समजो,
की मिला दोस्त सच्चा, इस जनम में"।
- दोस्तीकी मिसाल हमने देखि है, सुनी है ओरभी सुनेंगे, ये कभी न खत्म होनेवाली कहानी है।
- अर्वाचीन युग से और इतिहास के पन्नो में हमने पढ़ा है की एक सच्चा दोस्त कैसा होना चाहिए।
१). श्री कृष्ण - सुदामा :
यह कहा जाता है की जब गरीब सुदामाजी अपने बचपनके दोस्त श्री कृष्णा को मिलने जाते है वो भी एक तांदूळ की थैली लेके, किन्तु दरवान सुदामा की वेशभूसा देखकर सोचते की ये श्री कृष्णा के दोस्त कैसे हो सकते है, अंदर ले जाने से मना करते है. किन्तु अन्तर्यामी श्री कृष्ण को जब पता चलता है की सुदामा आये है तो भागते हुवे दरवाजे पर पोहंच जाते है और अपने दोस्त को गले लगा लेते है और बड़े अदब से अपने दरबार में ले जाते है. अपने दोस्त का दर्द वो बिना बताये ही समज जाते है और कभी सुदामाने सोचा भी नहीं होगा वैसा उनका जीवन सुखमय बना देते है।
२). श्री कृष्ण - अर्जुन :
श्री कृष्णा, अर्जुन को सखा कहेके भी बुलाते थे.
अर्जुन श्री कृष्णा के बुवा के लड़के थे. श्री कृष्णा भगवान ने स्वयं गीता उपदेश
अर्जुन को दिया था और एक अर्जुन ही पृथ्वी लोक में थे जिन्होंने भगवान के दिए गए
चक्षु द्वारा भगवान् श्री कृष्ण के विश्व स्वरुप और चारभुजा नारायण स्वरुप के
दर्शन करवाए थे. महाभारत के युद्ध में
श्री कृष्ण ने पांडवो का न्यायिक पक्ष ले के कौरवो को परास्त करने का गूढ़ ज्ञान
प्रदान किया था. और युद्ध में अर्जुन के सारथि बने थे।
३). दानवीर कर्ण और दुर्योधन:
दानवीर कर्ण ने दोस्ती की वो मिसाल
कायम की थी की उनको भी भूलना नामुन्किम है। महाभारत का युद्ध शुरू होने से ठीक
पहले ही दानवीर कर्ण को पता चलता था की वो पांडव के बड़े भाई है; फिरभी अपने दोस्त दुर्योधन को दिए वचन के मुताबित, वो अन्यायी होते हुवे भी उनका
युद्धमे साथ दिया था।
"महसूस करता हु वो जानीपहचानी शक्ति कुदरत की,
दुःख -सुख में साथ रहना ही तो है फिदरत उसकी,
समजा मुझे दोस्ति के काबिल , दोस्त मुझे बनाके"।
- दोस्ती की नीव दरहसल एक अनूठा विश्वास, आत्मियता, समर्पण , आदर और हकरात्मकता जैसे गुणों पे रखी होगी तो दोस्ति की ऐसी मिसाल लिखोगे।
- दोस्ती के नाम काफ़ी महसूर फिल्मे भी इंडिया में बनी है जो यादगार बनगयी है और एक न भूलने वाला इतिहास रचा है।
- दोस्ती के नाम काफ़ी महसूर गाने भी इंडिया में बने है, उसने भी एक न भूलने वाला इतिहास रचा है।
- दोस्ती के नाम जितना भी लिखो उतना कम है, इतना ही याद रखो की दोस्ती करो तो तहे दिल से करो और सच्चाई की नीव पे दोस्ती करो.
आप सभी को "Happy Friendship Day" -२०२१
धन्यवाद।
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