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The unique features of Diwali festival of India, in Hindi. | All information about celebrations of Diwali festival in India, in Hindi. | The Importance of Diwali festival -हिंदी में | Diwali Festival 2021 |

The unique features of Diwali festival of India, in Hindi.

  • दिवाली का त्यौहार भगवान रामचंद्र को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
  • 14 साल के वनवास के बाद, जब श्री रामचंद्र भगवान अपने पितृक राज्य अयोध्या लौटे थे। 
  • इस वनवास दौरान उन्होंने राक्षस राजा रावण के साथ युद्ध लड़ा था और युद्ध जीता था।  
  • दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर रोशनी की जीत है। 
  • चंद्रमा के चक्र के आधार पर हर साल दिवाली अक्टूबर या नोवेम्बर में होती है। 
  • दिवाली का त्यौहार  कार्तिक के 15 वें दिन मनाया जाता है, जो कि हिंदू चंद्र कैलेंडर का सबसे पवित्र माह है।
  • 2021 में दिवाली 04 नवंबर को है।
  • पूरी दुनिया में जहा हिन्दू बसते है वो लोग पुरे दिल से अपने परिवार के साथ दिवाली मानते है। 
  • दिवाली में सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण छुट्टी होती है।
  • यह  त्यौहार,  रंगीन रोशनी से सजाया जाता है और लोग उपहार बांटते हैं और पूजा पाठ करते हैं।
दिवाली के बारे में दिलचस्प तथ्य
Diwali

All information about celebrations of Diwali festival in India, in Hindi.

दिवाली को प्राचीन काल से मनाया जाता है। "दिवाली" संस्कृत शब्द "दीपावली" से बना है जिसका अर्थ है दीपों की एक पंक्ति। 

जब भगवान रामचंद्र ने राक्षस राजा रावण को दशहरा के दिन मारने के २० दिन बाद घर आये थे, उस खुशी में दशहरा के ठीक २० दिन बाद दिवाली मनाई जाती है। 

दीपावली को मिट्टी के दीपक से रोशनी फैलते है जो भारतीय घरों को आध्यात्मिक प्रकाश और जगमगाता दिया हर भारतीयका आंतरिक प्रकाश का प्रतीक है।

रोशनी का त्योहार दिवाली है
Clay Diyas

Diwali Rosani Ka Tyohar Hai
Deepam
दिवाली में अपने आप को और अपने प्रियजनों को अच्छा महसूस करवाने  के लिए सही समय है और  आप खरीदारी भी दिल खोलकर कर सकते है।  अपने घर को एक सुन्दर घर में बदल सकते है. 

दिवाली के दिनों में हर घर कि सजावट की जाती है, लोग नए-नए कपड़े पहनते है और रंगों और रोशनी का आकर्षक प्रदर्शन इसलिए होता है क्योंकि यह व्यापक रूप से माना जाता है कि दिवाली के दिन हिंदू देवी, माता लक्ष्मीजी, पृथ्वीपर घूमते है। 

माता लक्ष्मीजी को समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। माताजी लोगों को धन और खुशियाँ का आशीर्वाद देती हैं।

रोशनी का त्योहार दिवाली है
Temple 
 
रोशनी का त्योहार दिवाली है
Jai Mataji

पांच दिवसीय हिंदू-दर्शन का हिस्सा याने दिवाली के पांच दिन, में भारत के कई हिस्सों में एक आधिकारिक सार्वजनिक राष्ट्रीय छुटियाँ रहती है। 

दिवाली केवल हिंदुओं के लिए ही महत्वपूर्ण त्यौहार नहीं है, बल्कि जैन, बुद्ध और सिखों के बीच भी मनाया जाता है।

The Importance of Diwali festival -हिंदी में |

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है? | हम दिवाली पर लक्ष्मी पूजा क्यों करते हैं? |

 दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जो हमारे जीवन में समृद्धि लाता है। हिंदू परंपरा के अनुसार, देवी लक्ष्मीजी को धन और समृद्धि की देवी भी माना जाता है और पूरे भारत में दिवाली के दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है।

 दिवाली में लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा समय शाम 06.45 बजे और शाम 08.15 बजे है। हालाँकि, दीवाली समारोह के मुख्य पहलू पूरे देश में एक जैसे हैं।

Temple seen on the day of Amavashya
The Great Temple
Dhanteras aur Deepavali ko Mata Lakshmi ji aur Ganeshji ki pooja karate hai. Mata Sarasvati jo Vidhya ki devi hai use bhi pooja jata hai
Diwali Pujan
 दिवाली के दिन देवीमाता लक्ष्मीजी की पूजा देश के हर हिंदू घर में होती है। घर में देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिए शाम को लक्ष्मी पूजा की जाती है। लोग प्रार्थना करते हैं और अपने और अपने परिवार के जीवन में शांति, धन और समृद्धि की कामना करते हैं।

धनतेरस पर हमें क्या करना चाहिए?

धनतेरस की रात, मातादेवि लक्ष्मी और धनवंतरी के सम्मान में रात भर दीया (दीपक) जलाया जाता है। इस दिन नई खरीदारी विशेष रूप से सोने या चांदी के लेख और नए बर्तन, करते हैं।

हम धनतेरस पर झाड़ू क्यों खरीदते हैं?

धनतेरस के मौके पर नई झाड़ू खरीदना और घर में नई झाडू के इस्तेमाल गरीबी, दुख, बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ आपके घर से किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी से निजात दिलाना है।

धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?

हिंदू इसे शुभ मानते हैं और इसलिए इस दिन सोना और चांदी खरीदते हैं। परंपरागत रूप से, यह माना जाता है कि यह गतिविधि घर में अधिक धन लाती है। लोग सोने और चांदी के आभूषणों में निवेश करते हैं। इसके अलावा वे बर्तन और सिक्के भी खरीदते हैं।

दिवाली किस शहर की प्रसिद्ध है?

यदि आप वारणारसी में थोड़ा ज्यादा समय रुकते हैं, तो आप यहां प्रतिष्ठित गंगा महोत्सव उत्सव में भी भाग ले सकते है। उत्सव का समापन देखने जैसे होता है वह पटाखों के शानदार प्रदर्शन के साथ होता है।

रोशनी का त्योहार दिवाली है
Firecracker
रोशनी का त्योहार दिवाली है
Firecracker
रोशनी का त्योहार दिवाली है
Atashbaji

दिवाली पर कितने दीपक जलाते है?

हर साल दिवाली का त्यौहार परिवार और दोस्तों के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहारकी खास बाबते है; नए-नए कपड़ों की खरीदारी और उपहार का आदान-प्रदान, ज्वेलरी की खरीदारी, मिठाई, दीयों (पारंपरिक तेल के दीपक) और पटाखों। 

दीया को एक छोटे मिट्टी के दीपक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है
Deepam
मिट्टी के दीपक
Clay Deepam

हिंदू मान्यता के अनुसार कुल १३ पारंपरिक तेल के दीपक अलग-अलग स्थानों पर रखे जाते हैं। जैसा कि लोग दिवाली पर माँतादेवी लक्ष्मीजी का  पूजन करते हैं, वैसे ही दीपक का भी उतना ही  महत्व है। 

दीया क्यों जलाया जाता है?

दीये अच्छाई और पवित्रता का प्रतीक हैं और रोशनी अंधकार को नष्ट करती है। अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है, ये दीपक अंधेरे से छुटकारा पाने का एक साधन हैं।
मिट्टी के दीपक
Diwal Diya
दीयों (दीपम) की रोशनी से स्वार्थी विचारों से छुटकारा मिलता है। भारत में लगभग हर घर में सुबह और शाम दो बार एक डीप या दीया जलाने का रिवाज है। यह प्रार्थना का एक हिस्सा है।

दीया को एक छोटे मिट्टी के दीपक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जो विशेष रूप से दीवाली पर पूजन और सजावट के उद्देश्य से जलाया जाता है।

एक सूती बाती का उपयोग दीयों में किया जाता है, और तेल या घी को जलाने वाले ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते है। पांच विक्स वाले एक दीपक को 'भद्रदीपम' कहा जाता है। पारंपरिक रूप से दीपावली के दौरान तेल के  दीयोंका उपयोग किया जाता है। 
दिवाली पर तेल के दीपक जलाने की परंपरा
Diya
इस प्रकार, दिवाली पर तेल के दीपक जलाने की परंपरा बुराई पर अच्छाई की जीत और आध्यात्मिक अंधकार से मुक्ति का प्रतीक है।
दिवाली पर तेल के दीपक जलाने की परंपरा salo purani hai
Designed Diya
दिवाली का मतलब है रोशन दीयों की पंक्तियाँ. यह रोशनी का त्योहार है और हर भारतवासी इसे हर्षोल्लास के साथ मनाता है। इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घर और दुकानों को रोशन करते हैं। वे अच्छे कल्याण और समृद्धि के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं और धन और बुद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

दिवाली के अगले दिन क्या होता है?

  • पांच-दिवसीय दीपावली (दिवाली) त्यौहार का आखिरी दिन, भाई दूज के साथ समाप्त होता है, उस दिन बहन अपने भाइयों के लिए लंबे समय तक सुखी  जीवन की प्रार्थना करती है। 
  • दिवाली के दौरान लोग  बेहतरीन कपड़े पहनते हैं और दीयों से अपने घर को रोशन करते हैं और रंगोली बनाते है। सब लोग अपने समृद्ध जीवन के लिए धन की देवी, लक्ष्मी की पूजा करते हैं। 
  • आतिशबाज़ी करते हैं और परिवार की दावतों में भाग लेते हैं जहाँ मिठाई (मिठाई) और उपहार साझा किए जाते हैं। 
  • दिवाली पर Rangoli की परंपरा
    Diwali Rangoli

 दिवाली के 5 दिनों के नाम क्या हैं ➤ 

  1. दिन १ -वाघ बारस                                    ०२.११.२०२१, मंगलवार
  2. दिन २ -"धनतेरस"; धन्वन्तरि जयंति       ०२.११.२०२१, मंगलवार
  3. दिन ३ -काली चौदस, नरक चौदश;            ०३.११.२०२१, बुधवार
  4. दिन ४ -दिवाली                                        ०४.११.२०२१, गुरुवार
  5. दिन ५ -नूतन वर्ष, गोवर्धन पूजा                ०५.११.२०२१, शुक्रवार
  6. दिन ६ -भाई दूज, विश्वकर्मा पूजा              ०६.११.२०२१, शनिवार

 हिंदू नया साल शुरू - ०५.११.२०२१, शुक्रवार, हिन्दू  विक्रम सवंत २०७८. 

दिवाली के 5 दिन कैसे मनाया जाता है? 

  1. लोग अच्छे भाग्य लाने में मदद करने के लिए अपने घरों और दुकानों को साफ करते हैं।
  2. लोग अपने घरों को मिट्टी के दीपक से सजाते हैं और रंगीन पाउडर या रेत का उपयोग करके फर्श पर रंगोली बनाते हैं।
  3. कुछ दिलकश व्यंजनों बनानेकी तैयारी करते है जैसे की समोसे, दही-भल्ला, पकोड़े, और मठिया। 
  4. यह सब दीवाली के दौरान पारंपरिक घर की महिला घर पर ही भोजन बनाती है। 
  5. कुछ लोग अलग-अलग भोजन और व्यंजनों और मिठाइयों खाते हैं, जिसका आधार वे देश के किस हिस्से में रहते हैं उसपर निरभर करता है।

कुछ लोग अलग-अलग भोजन और व्यंजनों और मिठाइयों खाते हैं
Samosa
Diwali ke din swadist bhojan ki parampara
Morning Snacks
कुछ लोग अलग-अलग भोजन और व्यंजनों और मिठाइयों खाते हैं
Ras Malayi
कुछ लोग अलग-अलग भोजन और व्यंजनों और मिठाइयों खाते हैं
Diwali Sweets
कुछ लोग अलग-अलग भोजन और व्यंजनों और मिठाइयों खाते हैं
Special Sweets
Barfi मिठाइयों on Diwali festival
Kaju Katali
Gulab Jamun मिठाइयों on Diwali festival
Gulab Jamun

दिवाली पर कौन से खाद्य पदार्थ खाए जाते हैं? | सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक दिवाली व्यंजनों?

1 समोसा
२  गुलाब जामुन
३ सूजी हलवा
४ पनीर टिक्का

पटाखे on Deepavali Festival
Fatake

हमें दिवाली पर क्या नहीं करना चाहिए?

  1. बच्चो को अकेले पटाखे न जलाने दे। मतलब छोटे बच्चो का आप ध्यान रखे। हाथ में पटाखे न रखें। 
  2. दीपक के आसपास पटाखे न छोड़ें या रखे। 
  3. बिजली के थंभे और तारों के पास कभी भी पटाखे न जलाये।
  4. फटाके जलाते समय ये ध्यान रखना जरुरी  है की वो कोई भी ज्वलनशील वस्तु पर न गिर।
  5. दिवाली में सिल्क और सिंथेटिक कपड़े न पहने। 

दिवाली के दौरान आप क्या कहते हैं?

कुछ लोग इस यादगार दिन को सबसे उत्साही तरीके से मनाते हैं। वे पटाखे के साथ शाम का आनंद लेते हैं। शहर आतिशबाजी की रोशनी और ध्वनि में डूबे हुए होते हैं।

आप इतना भी कह  सकते है; 'हैप्पी दिवाली'। पारंपरिक दीपावली की शुभकामनाएं ऎसे दी जाती है; "आपको दीपावली की खूब खूब शुभकामनाएं", "दीपावली आपके लिए खुशियां ही खुशियां लेकर आए और आपको और आपके परिवार को ढेर सारी खुशियां दे"।

दीवाली को बधाई देने के लिए 'दिवाली की शुभकामनये' या 'शुभ दीपावली' कहना सबसे अच्छा है। इन दोनों का मतलब "हैप्पी दिवाली है"।


उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान on Diwali festival
sweet gift

दिवाली का आनंद कैसे ले?

दोस्तों और परिवार के साथ यात्रा करके दिवाली का आनंद लें सकते है।

बेहतरीन रंगोली से अपने घरों को अलंकृत करके दिवाली का आनंद लें।

रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करके दिवाली का आनंद लें।

आपको दीपावली की खूब खूब शुभकामनाएं

धन्यवाद।
















































































अस्वीकरण

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